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Internet of Things क्या है और कैसे काम करता है?

नमस्कार दोस्तों, “Internet ” ये शब्द किसी पहचान का मोहताज नहीं है। आज कल हर कोई इसका इस्तेमाल करता है, हम ये कह सकते है, की इसके बिना हम जीने की सोच भी नहीं सकते। हम अपने हर छोटे-मोटे काम के लिए इस पर निर्भर होते जा रहे है। इस पर dependency का मुख्य कारण ये है, की इसमें कार्य आसानी से और काफी काम समय में हो जाता है।

अभी तो हम सिर्फ technology का इस्तेमाल करते है, आने वाले समय में हम smart technology का use करेंगे। अब आप सोच रहे होंगे की ये Smart Technology क्या है ? कुछ लोग तो इस technology के बारे में जानते होंगे but कई लोग इससे अनजान है। आज के इस लेख में हम एक ऐसी ही smart technique के बारे में बात करेंगे, जिससे आप अपने रोजमर्रा के काम आसानी से कर सकेंगे। हालाकि, ये तकनीक अभी ज्यादा इस्तेमाल नहीं होती है, पर जिस तरह से technology का विकास हो रहा है, ये बहुत जल्द आम लोगो तक पहुंच जाएगी।

क्या अपने कभी Internet Of Things (IoT ) के बारे में सुना है ? जो लोग technology में interest रखते है, उन्होंने तो ये नाम जरूर सुना होगा। और जो नहीं जानते की IoT क्या है ?वो बहुत जल्द समझ जाएगे। जी हाँ दोस्तों, आज के इस article में हम जानेगे की IoT क्या है, कैसे काम करते है, कोनसी devices इसका इस्तेमाल करती है, इसके लाभ और हानि क्या है ?

लेख शुरू करने से पहले, हम आपको बताना चाहेंगे की ये एक advance technology है, जिसने आपकी life को ओर भी आसान और सुगम बना दिया है। आपको सारे काम automatic mode में चले जाएगे, आपको उन्हें याद करने की और पूरा करने की भी जरुरत नहीं पड़ेगी। तो, है न ये एक अद्भुद technique। चलिए, अब बिना किसी देरी के लेख शुरू करते है, और जानने की कोशिश करते है, की IoT का main purpose क्या है ?

इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स (IoT) क्या है?

इसको विस्तार से जानने से पहले, बात कर लेते है, इसके फुल फॉर्म की, जो की आप सभी जान ही गए होंगे। IoT का फुल फॉर्म होता है, “Internet Of Things “। यह विज्ञान की ऐसी technology है, जिसके माध्यम से कई devices को internet के through आपस में connect कर सकते है। इसकी मदद से आप दुनिया की हर physical object को internet से connect करके, अपना हर छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा काम कर सकते है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की, इस technology में internet sensors के द्वारा devices को आपस में जोड़ा जाता है।

Internet से जुड़ते ही, वो उन सब devices को identify कर लेगा जो internet से connected है। वह सभी उपकरण जो ON और OFF switch से चलते है,उन्हें internet से connect करके हम कोई भी काम कर सकते है। आप सभी devices को एक साथ connect कर सकते है, जैसे fitness band, cell phone, washing machine, headphone इत्यादि। हम वो हर चीज़ इसके through operate कर सकते है,जो internet से connect हो जाती है। आसान भाषा में समझे तो, इसमें हम चीज़ो से भी बात कर सकते है और चीज़ आपस में भी बातचीत कर सकती है।

इस advance technology के जरिये आप अपना काम फटाफट और आसानी से कर सकते है, वो भी बिना किसी physical movement के। अब तक तो आप जान ही गए होंगे की IoT क्या है ? फिर भी अगर आपको समझ नहीं आया, तो चलिए आपको एक उदहारण के through समझते है।

Internet of Things – उदहारण

हम एक आसान-सा उदहारण ले लेते है। जिससे आप IoT के concept को ओर अच्छी तरह से समझ पाएंगे। आप अपने घर पर है और कंप्यूटर पर कोई जरुरी काम कर रहे है। तभी आपको कोई जरुरी काम याद आ जाता है और आप वो काम करने घर से बहार चले जाते है। घर से निकलने के कई देर बाद आपको याद आता है, की आप जल्दबाजी में कंप्यूटर shutdown करना तो भूल ही गए।

अब situation ये है, की आप न तो अपना जरुरी काम छोड़ सकते है और ना ही घर जाकर computer off कर सकते है। ऐसे में आपकी help करेगा IoT। जी हाँ दोस्तों, सही सुना आपने। इस परिस्थिति में आपके लिए, ये advance तकनीक वरदान साबित होगी। इसकी मदद से आप जहा कही भी होंगे, वही से अपने computer को turn off कर सकते है। इससे आपके दोनों काम समय से हो जाएगे, वो भी बिना किसी भाग -दौड़ के।

ये तकनीक emergency situation में आपके लिए कारगर साबित हो सकती है। बस, आपको computer और internet को basic level पे use करना आना चाहिए। क्योकि,ये एक networking technology है। इन सब devices को एक बार internet से connect करने के बाद कही से भी ऑपरेट या control कर सकते है। इस example को पढ़ के आप जान गए होंगे की, ये technology future में आपके कितना काम आने वाली है।

किसने ये term Internet of Things रखा था?

अब बात कर लेते है, IoT की शुरुआती कहानी की। आपको बता दे की, इसका सबसे पहले इस्तेमाल Carnegie Mellon University में सं 1982 में हुआ था। इस university में एक Coke Vending Machine बनाई गयी थी। ये मशीन,आपको बता सकती थी, की इसमें कितनी बोतल रखी है तथा वो ठंडी है या नहीं।

आपको बता दे की, IoT के जनक Kevin Ashton माने जाते है। उन्होंने सं 1999 में सबसे पहले इस concept का नाम दिया था। बहुत से लोग इस सवाल में confuse हो जाते है। तो आप सब को ये confusion नहीं रखना है,इसका इस्तेमाल भले ही Mellon university में हुआ हो, पर इस term का पहली बार इस्तेमाल Kevin Ashton ने ही किया था। उनके अनुसार इस technique से आप sensors और internet के माध्यम से devices को physical world से connect कर सकते है।

1999 में वो P & G में काम किया करते थे। जिसे बाद में MIT’s Auto-ID Center बना दिया गया था। उन्होंने ही IoT के लिए RFID (Radio Frequency Identification ) technique की सिफारिश की थी। इस तकनीक की मदद से ही आप कंप्यूटर को अलग-अलग devices से एकसाथ connect कर सकते है।

चाहिए, अब बात कर उन devices की जो IoT का हिस्सा बन सकती है।

कौन कौन से devices IoT का हिस्सा बन सकते हैं ?

आपको बता दे की, वो सभी devices जो किसी ना किसी माध्यम से connect हो सकती है, चाहे वह internet, Wi -Fi या फिर Bluetooth के through हो, वो सभी devices IoT का हिस्सा बन सकती है। IoT उन उपकरणों का एक group है,जो Internet से जुड़े होते है।आपको बता दे की, ये सभी devices एक विशेष वस्तु से जुडी होती है,जो internet के माध्यम से data transfer करता है। IoT में devices को ज्यादातर Wi-Fi या Bluetooth के माध्यम से आपस में connect किया जाता है। Wireless Technique से ही इन devices में Data और instructions का आदान -प्रदान होता है।

IoT का पूरी तरह फायदा आप तभी उठा सकते है,जब आपके मोबाइल या device के IP Address के साथ ये उपकरण जुड़े हो। IP Address save होने से,ये connected devices अपने आप ही situation को समझते हुए कार्य करते है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की, IP Address आपकी devices का नाम होता है। इस नाम से ही उसे internet की दुनिया में पहचाना जाता है। यह प्रत्येक device के लिए अलग होता है। इसका फुल फॉर्म “Internet Protocol “address होता है। वही IPv6 के आ जाने से IP Address allot करना ओर भी आसान हो गया है। अब हम unlimited devices को एक साथ और एक ही समय में connect कर सकते है।

अब गौर कर लेते है,उन devices पर जो internet से easily connect हो सकती है। वैसे तो ये devices बहुत सारी है,इन्हे एक -एक करके बता पाना बेहद मुश्किल है। इसलिए, हमने इन्हे अलग -अलग categories में divide कर दिया है। जो इस प्रकार है :-

  • Connected Homes : इसमें वो सभी equipment आते है,जिनका इस्तेमाल आप घर में करते है। जैसे smart lock, smart AC, Smart door इत्यादि। उदहारण के लिए, अगर आप office से घर आ रहे है, और आप चाहते है, की आपके घर पहुंचने से पहले आपको अपना रूम ठंडा मिले। तो, office से निकलते ही आप अपने घर का AC on कर सकते है। है, ना IoT बड़े काम की चीज़।
  • Connected Wearables: इस category में वो सब equipment आते है,जिन्हे आप wear कर सकते है। जैसे Smart watch, Fitness Band, Smart glasses इत्यादि।
  • Connected Cities: जिस तरह एक घर की सारी चीज़े, IoT के माध्यम से connect हो सकती है। उसी तरह आप पूरी city को भी smart meter का इस्तेमाल करके,इसके through connect कर सकते है। Smart City के बहुत सारे benefit है। आप इसके through आसानी से पता लगा सकते है, की city में water, gas और electricity का कितना इस्तेमाल हुआ है।
  • Connected Cars: इसमें वो सभी vehicles आते है, जो internet से आसानी से connect हो । ये cars आपको रास्ता बताने के साथ traffic की भी information देती है। जिससे आपको रस्ते में किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।

अब एक नजर डाल लेते है, उन networks पर जिसकी मदद से सभी devices आसानी से IoT से connect हो जाती है।

  • LAN (Local Area Network ): इस network के माध्यम से आप उन सभी devices को connect कर सकते है, जो एक limited area के अंदर होती है। जैसे school, University Campus, Office, smart Home etc।
  • BAN (Body Area Network ): इसके through आप वो devices connect कर सकते है,जो आपकी body के touch में हो। जैसे smart watch, Fitness Band इत्यादि।
  • VWAN (Very Wide Area Network ): ये network एक बहुत बड़े area को devices के through connect कर सकता है। जैसे Smart cities।
  • WAN (Wide Area Network ): इसके through आप smart cars को connect कर सकते है। आपकी कार की location इससे easily trace की जा सकती है।

चलिए, अब बात कर लेते है, की आज के समय में हम सब को IoT की इतनी requirement क्यों है।

हमें Internet of Things क्यूँ चाहिए?

  • ये आपकी mental और physical health का पूरा ध्यान रखता है। अपने fitness band और Smartwatch का नाम तो जरूर सुना होगा। बहुत से लोग तो इसका इस्तेमाल भी करते होंगे। ये आपकी body के medical data की पूरी information आपको देती है। जिससे आप आने वाले खतरे से पहले ही सतर्क हो सके।
  • आप सब जानते ही है,की ये सब devices real -time पे work करती है। इस वजह से ये आपको best possible resource allocation की सुविधा देती है।
  • ये आपको correct और accurate information provide करती है। जिससे आपके लिए कोई भी decision लेना काफी आसान हो जाता है।
  • ये local providers को भी best connection provide करती है। जिससे वो भी globally work कर सके और उनका भी पूरा विकास हो सके।

अब आगे बढ़ते है,और बात कर लेते है,IoT के benefits के बारे में।

IoT के मुख्य Advantages क्या हैं ?

हम सब जानते है, की IoT उपकरणों के बिच संचार को प्रोत्साहित करता है। इसलिए इसे machine to machine संचार के रूप में भी जाना जाता है। चलिए जानते है, IoT के advantages के बारे में।

  • ये user को पूरी transparency provide करता है। जिससे आप अपने काम को ओर बेहतर तरीके से कर पाएंगे।
  • IoT में smart gadgets का इस्तेमाल किया जाता है। जो real -time पे work करते है। इससे आपके काम करने की efficiency increase होती है।
  • आपको जो भी data IoT के द्वारा मिलता है,वो एकदम accurate होता है।ये आपके सारे काम कर देता है, और आपको किसी ओर की need नहीं होती। जिससे आपके cost की काफी बचत होती है।
  • IoT में बहुत सारी devices एक साथ और एक ही समय में connect हो जाती है। जिससे बहुत कम समय में आप अपना काफी काम निपटा लेते है। तो, ये आपका समय भी काफी बचता है, उस समय में आप कुछ और productive काम कर सकते है।
  • आपकी life आसान बनाने के साथ ही आपके living standard को भी बढ़ता है।
    हम ये कह सकते है, की IoT आपको transparency, कम अक्षमताओ और अधिक गुणवत्ता तथा accuracy के साथ data provide करता है।

ये तो थी, IoT के advantages। पर दोस्तों, हर सिक्के के दो पहलु होते है। एक के बारे में जानकर हमे कोई निष्कर्ष नहीं निकलना चाहिए। चलिए अब नज़र डाल लेते है, इसके दूसरे पहलु पर that is disadvantages of IoT।

IoT के मुख्य Disadvantages क्या हैं ?

  • इससे सबसे बड़ा खतरा आपकी “Privacy ” को है। क्योकि हमारी सारी information internet पे होगी। जिसे कोई भी आराम से hack कर सकता है। आपको बता दे की “Hacking “का मतलब होता है, internet के through किसी के personal data को चोरी करना,उसकी permission के बिना।
  • ये technique हमारे सारे काम करने में सक्षम है, जिससे हमारी इनपर dependency बढ़ जाएगी। फिर हमारी physical activities कम हो जाएगी और धीरे -धीरे हमारी सेहत खराब हो जाएगी।
  • Internet पर हम जो भी data डालते है, वो पूरी तरह secure नहीं होता। वो तभी तक secure है, जब तक उसका password secure है । किसी और को अगर आपका password पता चल जाता है, तो वो आपके डाटा का गलत इस्तेमाल कर सकता है।
  • IoT बहुत से लोगो का काम अकेला कर लेता है। जिससे आगे आने वाले समय में बेरोजगारी बढ़ने की पूरी सम्भावना है।
  • IoT के applications के बारे में सुनकर आपको बेसक बहुत अच्छा लग रहा होगा। पर इस technology को डिज़ाइन करना, विकसित करना और बनाये रखना काफी कठिन है।
    अब जानते है, की IoT काम कैसे करता है।

IoT काम कैसे करता है ?

IoT में data exchange wireless technology से होता है। आपको बता दे की इसको हिंदी में “वस्तु अंतरजाल “कहते है। बात करे इसकी working की, तो ये चार phases में कार्य करता है। ये चार phase है :-

  • Devices (Sensors ): Devices का main काम होता है, data को collect करना।
  • Connectivity: Sensors द्वारा कलेक्ट किये गए data को cloud पर भेजा जाता है। जहाँ ये सारा डाटा store होता है। आप cloud पर data Bluetooth, Wi -Fi, Satellite की मदद से भेज सकते है।
  • Data Processing: Cloud पर जाने के बाद, इस डाटा पर software द्वारा कुछ processing की जाती है।
  • User Interface: Data को process करने के बाद, पूरी जानकारी user मतलब आप तक पहुचायी जाती है।

इससे आपको मोटा-मोटी तो, idea आ गया होगा की IoT काम कैसे करता है।

IoT के उपकरण कौन -कौन सी company बनती है

IoT की demand को देखते हुए, बहुत सी companies इसके उपकरण बनाने लगी है। इसमें से कुछ popular companies के नाम, हम आपको निचे बता रहे है।

  • IBM (International Business Machine)
  • Samsung
  • Microsoft
  • Intel
  • Google
  • Apple
  • Tesla
  • Cisco

Future Of IoT in Hindi

एक survey के अनुसार, आने वाले कुछ सालो में IoT की demand काफी बढ़ने वाली है। बात करे सन 2017 की तो इसमें, इसके उपकरणों की संख्या बढ़कर 8 .4 billion हो गयी। वही 2020 में IoT के 30 billion devices बने। ऐसा अनुमान है, इस साल ये आकड़ा 35 billion को cross कर देगा। आने वाली दो -चार सालो में, IoT के उपकरण 40 billion से ऊपर होंगे। इसकी huge demand को देखते हुए, बहुत सी companies इसमें निवेश कर रही है। इन आकड़ो से आप अनुमान लगा सकते है, की ये एक future की technology है, जिसका इस्तेमाल छोटे से लेकर बड़े लोग करेंगे। ये devices, अभी थोड़ी महंगी जरूर है, जिसे हर कोई afford नहीं कर सकता, पर आने वाले समय में इसके prices काफी कम हो जायेगे।

Final Thoughts

इस लेख में हमने, networking की सबसे बड़ी सफलता की बात की, that is IoT क्या है ?इस सवाल का जवाब आपको ये लेख पढ़कर जरूर मिल गया होगा। IoT एक ऐसी technique है, जिसके through आप बहुत सी smart devices को एकसाथ connect करके data transfer कर सकते है। बहुत से लोग इसे non -screen computing के नाम से भी जानते है, क्योकि ये हूबहू computer जैसे ही काम करता है but इसमें screen नहीं होती।
इस पोस्ट में हमने आपसे हर point detail में discuss किया है। उम्मीद करती हूँ, आपके सारे doubts clear हो गए होंगे। हमारा आपसे यही कहना है, की technology का इस्तेमाल जरूर करे पर उन पर पूरी तरह depend ना रहे। क्योकि आप सब जानते है “अति हर चीज़ की ख़राब होती है, चाहे वो अच्छी हो या बुरी “। इस पोस्ट से related कोई भी doubt हो, तो आप हमे comment section में पूछ सकते है, मुझे आपके सवालो का इंतजार रहेगा। लेख पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर share करे।

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