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एटीएम (ATM) का फुल फॉर्म क्या है?


21 वी सदी में, technology उस स्तर पर पहुंच चुकी है, की हम पूरी तरह smart devices पे depend हो गए है। हम अपना हर काम फटाफट और आसानी से करना चाहते है, चाहे वो पढ़ना हो, movie देखना हो, fund transfer करना हो, bill भरना हो, या फिर ticket book करनी हो। ऐसी ही, एक electronic machine है, जिसका इस्तेमाल आप में से हर किसी ने किया होगा। जी हाँ, दोस्तों आपका अनुमान बिल्कुल सही है, हम बात कर रहे है, “ATM” के बारे में।

इसका इस्तेमाल करना आज कल आम बात हो गयी है, हम अपनी routine life में इसका use daily करते है। Mainly, ये machine पैसे निकालने के लिए ही इस्तेमाल होती ही। पर, क्या आप सब जानते है, ATM क्या है ? इसका फुल फॉर्म क्या है ? और रूपये निकलवाने के अलावा ये ओर कौन-कौन से कार्य कर सकता है।

आज के इस पोस्ट, में हम आपको ATM के बारे में पूरी जानकारी देंगे।लोगो के मन में इससे related बहुत से confusion होते है। अगर आप भी उन्ही में से एक है, तो आपके सारे doubts इस लेख को पढ़ने के बाद दूर हो जायेगे। ATM के बारे में पूरी जानकारी पाने के लिए अंत तक हमारे साथ बने रहे।

तो देर किस बात की, चलिए आज का ये बेहरीन लेख शुरु करते है।

एटीएम का इतिहास (ATM History in Hindi)

लेख की शुरुआत, ATM के इतिहास से करते है। वैसे तो इसके आविष्कार के बारे में बहुत से गाथाएँ प्रचलित है। सूत्रों की माने तो, पहली automated machine का मुख्य कार्य cheque को collect करना और cash को deposit करना था। इस मशीने का अविष्कार अमेरिका के एक बिजनेसमैन Luthar Simjian ने 1960 में किया था। परन्तु, ATM के जनक John Shepherd-Barron माने जाते है। जिन्होंने इसका अविष्कार सं 1960 में किया था। आपको ये जानकर ख़ुशी होगी, की इनका जन्म 23 जून 1925 को मेघालय के शिलॉन्ग में हुआ था।

इनके द्वारा निर्माण किया गया ATM radioactive ink से printed paper voucher का प्रयोग करता था। John के दिमाक में ATM बनाने का concept तब आया, जब उन्होंने vending machine को chocolate bars बचते हुए देखा। उन्होंने सोचा क्यों न इसका इस्तेमाल cash निकालने के लिए किया जाये। लंदन के बोर्केल बैंक ने 27 जून 1967 को सबसे पहले ATM का इस्तेमाल किया। आपकी जानकारी के लिए बता दे की, 1960 के दशक में इसको बैंकोग्राफ के नाम से जाना जाता था। John ने ATM पिन को 6 -digit का करने का सोचा था। पर, उनकी wife का कहना था, की 6 -digit बहुत ज्यादा हो जायेगे, जिन्हे याद रख पाना लोगो के लिए मुश्किल होगा।

John को अपनी पत्नी की सलाह सही लगी, और उन्होंने 4 -digit PIN बनाने का फैसला किया। उनका ये फैसला एकदम सही साबित हुआ क्योकि आज भी हम सब 4 -digit का ATM पिन इस्तेमाल करते है। बात करे भारत की तो, यहाँ 1987 में ATM की सुविधा का सुभारंभ हुआ। यहाँ हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉरपोरेशन (HSBC) ने मुंबई में पहले ATM लगाया। ATM के अविष्कार से लोगो को तो फायदा हुआ ही है, उन्हें अब पैसे transfer करने के लिए किसी बैंक अधिकारी की सहायता की जरूरत नहीं पड़ती। वो अपना काम स्वयं ही कर सकते है। वही ATM के आ जाने से bank कर्मचारियों को workload काफी कम हो गया है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे की, जब इसका अविष्कार हुआ तो लोगो ने इससे accept नहीं किया, क्योकि पैसे transfer करने के लिए किसी machine पर पूरी तरह निर्भर रहना बहुत risk का काम था, उस समय पर। इतनी मुश्किलों के बावजूद भी लूथर ने हार नहीं मानी और finally June 1960 में उन्हें इसका पेटेंट मिल गया। और इस तरह लूथर की 21 साल की मेहनत का नतीजा है, “ATM “। ये थी, ATM की शुरुआत की पूरी कहानी। अब बात कर लेते है, ATM के अलग -अलग नामो के बारे में।

एटीएम के विभिन्न नाम

बहुत से लोगो को तो ATM के नाम को लेकर ही confusion रहता है। आपको बता दे की इसको, अलग -अलग देशो में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। जो इस प्रकार है।:-

कनाडा में इसे ABM (Automatic Banking Machine) के नाम से जाना जाता है।

इसे कई देश Cash Point के नाम से भी बुलाते है।

  • कॅश Machine
  • Mini बैंक
  • Hole In The Wall
  • Money Machine
  • Cash dispenser
  • Automated Teller
  • Bank Machine
  • Bankomat

Commonly, इन सब नामो से ATM को जाना जाता है। आगे बात कर लेते है, ATM के फुल फॉर्म की।

एटीएम का पूरा नाम क्या है

वैसे तो इस सवाल का जवाब हर कोई जनता होगा। पर, जो लोग अब तक इसका फुल फॉर्म नहीं जानते, वो अब जान जायेगे। बहुत से लोगो को ये लगता है, की ATM का फुल फॉर्म Any Time Money होता है। अगर, आपको भी ऐसा लगता है, तो आप सरासर गलत है। ATM का फुल फॉर्म होता है, “Automated Teller Machine “।

आपको ATM के ओर भी फुल फॉर्म देखने को मिल जायेगे, but वो अलग-अलग department के हिसाब से होते है। बस, आपको उनको समझने की जरुरत है।

एटीएम के दुसरे फुल फॉर्म्स

चलिए, अब एक नज़र दाल लेते है,ATM के दूसरे फुल फॉर्म्स पर। जिससे आपका बचकुचा संदेह भी दूर हो जाये।
ये फुल फॉर्म इस प्रकार है :-

  • Asynchronous Transfer Mode: ये term basically IT sector में इस्तेमाल की जाती है।
  • Air Traffic Management: ये term Aviation department में use होती है।
  • Angkatan Tentera Malaysia: ये मलेशिया की armed force है।
  • Association of Teachers of Mathematics: ये UK की एक NGO (Non -Profit Organization ) है।

तो ये थे ATM के other फुल फॉर्म। जिनको जानना आपके लिए बेहद जरुरी था, ताकि आपको इनको लेके कभी कोई confusion ना हो।

ATM क्या है?

अब बात कर कर लेते है, एक अहम् मुद्दे पर की ATM क्या है।? ये सवाल सुनने में आसान लगता है, but इसका सही जवाब आपमें से बहुत से लोग नहीं जानते होंगे। आपको बता दे की, ATM एक Electronic device है, जिसका इस्तेमाल करने की permission banks द्वारा, उसके customers को दी जाती है। इसमें account से related transaction किये जाते है। इसके जरिये आप अपने bank account को access कर सकते है। ATM का मुख्य कार्य, user के द्वारा demand की गयी राशि तुरंत निकालकर देना है।

ATM के आ जाने से banks or customers दोनों को बहुत फायदा हुआ है। Bank कर्मचारियों का तो workload कम हो गया है। पहले पैसे निकलवाने का काम भी employees ही करते थे। वही customers को भी इससे काफी सुविधा हो गयी है, वो जब चाहे अपना पैसा निकलवा सकते है, क्योकि ATM उनको 24 x 7 service provide करता है।

आप सभी जानते है, की ये एक plastic card होता है। इसी card के through आप अपने account को access कर पाते है। अपने कभी notice किया हो, तो card के ऊपर एक magnetic strip होती है। जिसमे user की सारी information encoded होती है। आज कल तो magnetic strip के साथ एक chip भी आती है, जो एक circuit की तरह काम करती है। इस chip और strip के माध्यम से ATM समझ पता है,की ये card किस account से जुड़ा है और इसमें कौन-कौन से facilities available है।

Magnetic strip में आपके account के बारे में सारी जरुरी जानकारी होती है। ये strip modem के through आपके बैंक के central computer से connected होती है। जहाँ से ATM सारी information access करता है। इस तरह ATM आपके account की सारी information easily access कर पता है।

एटीएम का फुल फॉर्म हिंदी में (Full form of ATM in Hindi)

ATM का English फुल फॉर्म तो आप सब जानते होंगे। हम आपको ATM का फुल फॉर्म हिंदी में बताने जा रहे है। ATM को हिंदी में कहते है, “स्वचालित गणक मशीन “। चलिए, अब आगे बढ़ते है, और बात कर लेते है, ATM के कुछ important parts के बारे में।

ATM के Parts क्या हैं?

आपको बता दे की,ये एक तरह का data terminal है,जिसमे दो प्रकार के उपकरणों का इस्तेमाल होता है। इन devices की मदद से ही user ATM को आसानी से इस्तेमाल कर पता है। ये उपकरण ही बैंक और ATM के बिच कड़ी का काम करते है,और इन सब में internet एक बहुत बड़ा role play करता है।

ATM में दो तरह की devices का इस्तेमाल होता है। जो इस प्रकार है :

  • Input Devices
  • Output Devices

अब इन दोनों तरह के devices के बारे में विस्तार से जान लेते है।

Input Devices: ये वो devices है,जिनके द्वारा हम computer में कुछ भी input करते है।

Card Reader: जैसा की आप इसके नाम से ही समझ गए होंगे। ये device आपके card को पढ़ने का काम करती है। ये आपके card में encoded सुचना को magnetic strip की help से पढता है। Information को पढ़ने के बाद, ये उसे verification के लिए server के पास भेजता है। फिर server खाते की पूरी जाँच पड़ताल करने के बाद, user के instruction के हिसाब से cash निकालने की permission देता है। पूरी प्रोसेस होने के बाद, आपका cash आपके हाथो में आ जाता है। हालांकि, ये सारा process बहुत तेजी से होता है।

Keypad: ATM से पैसे निकालने में keypad का बहुत बड़ा योगदान है। इसी की मदद से आप सारी information डालते है, जैसे PIN code, Cash कितना निकलना है, transaction cancel करना, clear करना, enter करना इत्यादि।
अब बात कर लेते है, ATM की output devices के बारे में।

Output Devices: ये वो devices होती है, जो computer के input devices द्वारा दिए गए instructions को process होने के बाद, आपको उसका परिणाम दिखाती है।

Monitor (Screen ): Screen के through ही, आप अपने account से सम्बंधित सारी information देख पाते है। ये आपकी transaction की पूरी जानकरी दिखता है।

Speaker: आज कल ATM पर speaker की फसिलटी भी मौजूद होती है। ये आपके द्वारा की गयी सारी processing का audio feedback देता है। जिससे आप अगर कोई गलती करे, तो उसे cross -Check किया जा सके।

Cash Dispenser: इसे ATM का दिल कहा जाता है। ये ATM का central system है, जहाँ से cash निकलता है।

Receipt Printer: Transaction पूरा होने के बाद आपको एक receipt मिलती है। वो receipt आपको इस उपकरण के माध्यम से मिलती है। इस receipt में आपको सारी detail मिल जाती है, जैसे कितने रूपये निकले, कितना रूपये बाकि है, तारिक, समय,स्थान इत्यादि।

ATM कैसे काम करता है?

आप सबको पता की ATM एक स्वचालित machine होती है। ये एक तरह का special computer होता है, जो card holder के account को manage करने का काम करती है। इसकी प्रोसेसिंग को समझना काफी आसान है। इसमें सारा काम एक plastic card के माध्यम से होता है। सबसे पहले आपको machine में अपना card डालना है। फिर मशीन card में लगी magnetic strip के through सारी information access कर लेगी।

जब machine आपका खाता verify कर लेती है, तो वो आपसे आपका ATM PIN enter करने को कहती है। जब authentication process पूरा हो जाता है, तो वो आपको transaction करने की permission दे देती है। हमने आपको brief में ATM की working के बारे में बताया। अब जान लेते है, की ATM कितने प्रकार के होते है ?

  • White Label ATM: जब किसी ATM की स्थापना Non -Banking Financial Companies द्वारा की जाती है, उन्हें white level ATM कहा जाता है।
  • Yellow Label ATM: इन ATM का इस्तेमाल E -Commerce companies द्वारा किया जाता है। उन्ही के काम के लिए इन ATM की शुरुआत की गयी।
  • Brown Label ATM: इन ATM ‘s का संचालन bank के द्वारा ना होकर, किसी third -Party द्वारा होता है। Third party इन्हे लीज पर लेती है। इन ATM का cash management तथा connectivity बैंक संभालता है।
  • Orange Label ATM: इस ATM का इस्तेमाल share transaction के लिए किया जाता है।
  • Pink Label ATM: ये ATM specially महिलाओं के लिए बनवाये गए है। इनका इस्तेमाल सिर्फ females ही कर सकती है।
  • Green Label ATM: जैसा की आप इसके नाम से ही समझगए होंगे। इन ATM का इस्तेमाल कृषि कार्यो के लिए किया जाता है।
  • On Site ATM: जो ATM बैंक परिसर के अंदर होते है, वो इस category में आते है।
  • Off Site ATM: जो ATM बैंक परिसर के बहार से सचालित होते है, उन्हें off site ATM कहा जाता है।
  • Online ATM: ये वो ATM है, जो 24 घंटे bank के database से connected रहते है। इसका इस्तेमाल करके आप उतने ही रूपये निकलवा सकते है, जितने आपके खाते में है।
  • Offline ATM: ये ATM बैंक के database से हमेशा connected नहीं रहते है। इससे आप अपने खाते से अधिक रूपये भी निकलवा सकते है, पर उसके लिए आपको बैंक को जुर्माना देना पड़ेगा।

ये तो बात हुई, ATM के सभी प्रकारो की। अब बात कर लेते है, ATM से पैसे निकलवाने के लिए, आपको कौन-कौन से steps follow करने पड़ते है।

एटीएम से पैसे कैसे निकाले (Working Of ATM ):

आप में से बहुत से लोग ATM से पैसे निकलना जानते होंगे। पर, हमे तो सभी तो साथ लेकर चलना पड़ता है, जो भी users ATM का इस्तेमाल पहली बार कर रहे है, उन्हें निचे बताये गए steps one -by -one follow करने है। ये बेहद ही आसान steps है, चलिए इन्हे एक -एक करके समझते है।

  • सबसे पहले, आपको अपने near -by ATM पर जाना है। कोशिश करे की, ATM वही use करे, जिसका आपके पास ATM card है। वैसे आप दूसरा ATM भी use कर सकते है। पर 5 transaction के बाद आपका charge लगेगा, different ATM use करने पर।
  • ATM में जाने के बाद आपको, सबसे पहले अपना card ATM मशीन में डालना है, ATM को हमेशा सीधा डाले, उल्टा डालने से machine card को read नहीं कर पायेगी और आपको वापस card insert करना पड़ेगा। एटीएम के enter होते ही,screen पर आपको कुछ instructions देखने को मिलेंगे।
  • जब आपका card read हो जायेगा, तब आपको language choose करने का option मिलेगा। ज्यादातर ATM में आपको दो ही languages देखने को मिलेगी, Hindi और English। आप अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी भाषा choose कर सकते है।
  • Then, आपको PIN enter करने को बोला जायेगा। आपको PIN enter करनी है, ये वही पिन है, जो बैंक आपको provide करता है,ATM issue करते time। ये पिन आपको secret रखनी होती है, इसको किसी के साथ भी share करना आपके लिए risky हो सकता है। तो ATM PIN को जितना, छुपाके रखा जायेगा, उतना ही बेहतर होगा आपके लिए।
  • PIN enter करते ही, आपको screen पर account choose करने का option मिलेगा। इसमें दो option आते है, first one इस saving account और दूसरा होता है,current account। आपको जिस account से पैसे निकालने है, आप वो option चुन सकते है।
  • इसके बाद आपको, जितने पैसे निकलवाने है, वो amount enter करनी है। हर ATM की limit अलग -अलग होती है, आप single transaction में एक limited amount ही निकाल सकते है। ये limit bank तो bank vary करती है।
  • इसके बाद, आपके द्वारा enter की गयी राशि का भुगतान machine कर देगी। पैसे निकलवाने से पहले, एक बात का ध्यान रहे की, जो amount अपने enter करी है, उससे ज्यादा पैसे आपके account में होने चाहिए। ऐसा नहीं होने पर, आपको penalty देनी पड़ सकती है।
  • इस तरह आपका ATM transaction successfully पूरा हो जाता है। Transaction पूरा होने के बाद और ATM से जाने से पहले, Cancel का button press करना ना भूले। क्योकि, cancel button को press करने के बाद ही, transaction process खत्म होता है।
  • इन आसान steps को follow करके, आप आसानी से ATM से पैसे निकलवा सकते है। अब नज़र दाल लेते है, ATM networking पर।

ATM Networking:

जैसा की आप सब जानते है,ATM एक प्रकार का sophisticated computer है, जो वो सभी काम कर सकता है, जो बैंक कर्मचारी करते है। आपको बता दे की, ज्यादातर ATM interbank network से जुड़कर bank से communicate करते है। इस communication process में
ISP (Internet Service Provider ) एक महत्वपूर्ण role play करता है। Host processor एक ISP से जुड़ा होता है। इसी के through ATM और host processor आपस में communicate कर पाते है। जब आप अपनी सारी details ATM में डालते है, तो आपकी सारी information ATM मशीन, host processor के पास पहुँचाती है। Then, host processor सारी details को authorized bank server के through सारी details check करता है। ये सारी details सही होने पर ही, server host processor को approval code भेजता है। ये approval code मिलने के बाअद ही ATM मशीन आपको cash निकाल के देती है।

Basically, ATM machines दो प्रकार की होती है, ये एटीएम host processor के basis पे divide होते है।

Leased Line ATM Machines: ये leased line machine को सीधा host processor के साथ connect करता है। इस connection के लिए 4 wire का इस्तेमाल किया जाता है। ये machine point -to -point connect होती है। ज्यादातर इन्ही ATM का इस्तेमाल होता है, क्योकि ये आपको dedicated telephone line provide करती है और ये आपको अच्छा throughput भी देता है। Dedicated line होने के कारण इनकी operation cost थोड़ी ज्यादा होती है।

Dial-Up ATM Machines: इन machines में normal telephone line का इस्तेमाल किया जाता है। इनको host processor से connect करने के लिए modem का भी प्रयोग किया जाता है। इसकी operating cost भी काफी काम होती है क्योकि इसमें normal connection का इस्तेमाल किया जाता है। Retail merchant स्थानों पर dial-up का ही इस्तेमाल होता है और ये leased line से काफी सस्ते होते है।

ATM Security:

ATM को secure रखने का एकमात्र तरीका है, की इसके PIN को किसी के साथ भी share ना करे। ये PIN पूरी तरह सुरक्षित होता है, ऐसा कोई भी तरीका नहीं है, जिससे आप ATM card से ATM PIN को निकाल सके। आपको बता दे की इस PIN को triple data encryption की मदद से encrypt किया जाता है। ये तब तक पूरी तरह safe है, जब तक आप इसे किसी के साथ disclose नहीं करते।

ATM डेबिट कार्ड कितने प्रकार के होते है ?

आम तोर पर हम ATM कार्ड को पैसे निकलने के लिए इस्तेमाल करते है। पर क्या आप जानते है ?इस card को आप कई तरीको से विभाजित कर सकते है, जैसे technology के आधार पर, इस्तेमाल के आधार पर, payment platform के आधार पर इत्यादि। इस लेख में हम उस प्रकार की बात करेंगे जो ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है।

Payment platform के आधार पर एटीएम कार्ड को चार भागो में divide किया जाता है। जो इस प्रकार है :

Rupay Debit Card: आपको बता दे की, ये भारत का एकमात्र electronic payment system system है। इसको सन 2012 में NPCI (National Payment Corporation of India) ने launch किया था। बाकि cards के तुलना में ये सस्ता है और online payment के लिए इसी कार्ड पर सबसे काम charge लगता है।

इस card की limitation ये है की, इसे आप केवल भारत में ही इस्तेमाल कर सकते है। अगर आपको भारत के बहार से पैसे निकलवाने है या कोई सामान खरीदना है, तो ये facility आपको इस कार्ड में नहीं मिलेगी। आप अगर लेने-देन सिर्फ भारत में करते है, तो Rupay Debit card आपके लिए अच्छा option है।

Visa Debit Card: आपको बता दे की Visa एक American Company है, जो worldwide अपनी सेवाएं देती है। ये कार्ड internationally इस्तेमाल किया जाता है। इससे आप सभी तरह के online और electronic लेनदेन कर सकते है। इससे आप दूसरे देश में भी पैसे निकलवा सकते है, बस आपके कार्ड में international transaction की facility होनी चाहिए।

Visa डेबिट card कई प्रकार के होते है, जैसे Visa Gold Debit Card, Visa Platinum, Visa signature debit card, Visa Classic Debit Card इत्यादि। सब में अलग -अलग facilities होती है और price भी उनके हिसाब से vary करती है। आप अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी card ले सकते है।

MasterCard Debit Card: ये भी एक अंतर्राष्ट्रीय company है, जिसका मुख्यालय न्यूयोर्क,अमेरिका में है। इस कार्ड का इस्तेमाल काफी किया जाता है क्योकि ये काफी secure कार्ड माना जाता है।इसका इस्तेमाल आप online payment करने और किसी दूसरे देश में ATM से पैसे निकालने के लिए कर सकते है। ये कार्ड थोड़ा costly होता है।

बात करे इसकी कीमत की, तो ये Rupay card से दुगनी कीमत में आपको मिलेगा। अगर, आप security purpose के हिसाब से debit card खरीद रहे है, तो ये आपके लिए best option है।

Maestro Debit Card: आपको बता दे की, ये भी एक अमेरिकन company का कार्ड है। ये भी अपनी सेवाएं संसार के कई देशो में देता है। आप इसका इस्तेमाल, भारत और भारत से बहार कर सकते है। इसको online payment और ATM से पैसे निकलवाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ये भी एक अच्छा डेबिट कार्ड है, जिसका इस्तेमाल बहुत से बैंक और private companies करती है।

Note: कोई भी डेबिट कार्ड खरीदने से पहले, अपने बैंक से संपर्क करे और पता करे की वो आपको कौन-कौन से सेवाएं प्रदान करेगा। पूरी जाँच-पड़ताल करने के बाद ही कार्ड को ख़रीदे। बहुत से cards में आपको free insurance भी मिलती है।

ATM card बनाने के लिए कितनी उम्र होनी चाहिए ?

इस सवाल का जवाब आप सब में से बहुत से लोग नहीं जानते होंगे। आपको बता दे, की एटीएम कार्ड बनवाने की सही उम्र हर बैंक में अलग -अलग होती है। आजकल इसके इस्तेमाल को देखते हुए, ज्यादातर बैंक 13 साल की उम्र में ATM की सुविधा दे देते है। पर, आपकी उम्र अगर 18 साल से कम है, तो आप ATM issue करवाने से पहले अपने respective बैंक के customer care से जरूर संपर्क करे।

बहुत से बैंक, 18 साल से काम उम्र के के customers को उनके parents के account के साथ debit card की सुविधा प्रदान करती है। ये नियम bank to bank vary करता है। सही तो यही है, की आप 18 साल से ऊपर है, तभी ATM का इस्तेमाल करे क्योकि इसको use करने के लिए आपका पूरी तरह mature होना जरुरी है।

Debit Card और ATM में क्या Difference है ?

ज्यादातर लोग समझते होंगे, की ATM और debit Card same ही होते है। पर, आप अब तक गलत समझते थे। आपको बता दे की ये दोनों अलग-अलग होते है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की, debit card का इस्तेमाल ATM machine से पैसे निकलवाने के साथ ही online payment करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। वही, ATM का इस्तेमाल आप सिर्फ पैसे निकलवाने के लिए कर सकते है। ATM को आप online transaction के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते।

आजकल ज्यादातर banks आपको debit card issue करते है, ATM का use लगभग बंद ही हो गया है। आपको बता दे, की debit card को bank और digital payment Company मिलकर बनाते है। वही, ATM card को बैंक, बिना किसी digital company के सहायता के जारी कर सकता है।

आज की इस digital दुनिया में, debit card आपको एक कदम ओर आगे बढ़ा देता है। ताकि, आप वक़्त के साथ कंधे से कन्धा मिला के चल सके।

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